नई दिल्ली, 12 सितंबर 2025 – महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन ने शुक्रवार को भारत के 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण कर ली। राष्ट्रपति भवन में आयोजित भव्य समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद की शपथ दिलाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ समेत कई दिग्गज नेताओं ने इस अवसर पर भाग लिया। उपराष्ट्रपति पद छोड़ने के बाद जगदीप धनखड़ पहली बार सार्वजनिक रूप से दिखाई दिए।
शपथ ग्रहण समारोह में लाल कुर्ता पहने 67 वर्षीय राधाकृष्णन ने ईश्वर के नाम पर अंग्रेज़ी में शपथ ली। यह कार्यक्रम सुबह 10 बजे राष्ट्रपति भवन में संपन्न हुआ।
चुनाव में राधाकृष्णन की शानदार जीत
सी.पी. राधाकृष्णन ने मंगलवार को हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी को 152 मतों से हराया। कुल 781 में से 767 सांसदों ने मतदान किया, जिनमें से 752 मत वैध पाए गए। आवश्यक बहुमत 377 था, जबकि राधाकृष्णन को 452 वोट मिले। चुनाव में विपक्ष के 16 सांसदों द्वारा क्रॉस-वोटिंग किए जाने की भी चर्चा रही, जिससे राधाकृष्णन को अतिरिक्त समर्थन मिला।
शिवसेना (UBT) नेता संजय राउत ने आरोप लगाया कि 15 अवैध वोट भी राधाकृष्णन के पक्ष में डाले गए, जबकि उनके अनुसार राधाकृष्णन को केवल 300 वोट ही प्राप्त हुए थे। वहीं शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे ने विपक्ष पर निशाना साधा।
बीजू जनता दल (BJD), भारत राष्ट्र समिति (BRS) और शिरोमणि अकाली दल (SAD) जैसे क्षेत्रीय दलों ने भी महत्वपूर्ण विधेयकों पर सरकार का समर्थन किया है, जिससे राधाकृष्णन की जीत आसान हुई।
धनखड़ के इस्तीफे से खाली हुआ पद
यह चुनाव उस समय कराया गया जब तत्कालीन उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई 2025 को स्वास्थ्य कारणों से अचानक इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद चुनाव कराकर नया उपराष्ट्रपति चुना गया। शपथ ग्रहण समारोह में जगदीप धनखड़ भी उपस्थित रहे और यह उनका उपराष्ट्रपति पद छोड़ने के बाद सार्वजनिक रूप से पहला कार्यक्रम था।
राधाकृष्णन का राजनीतिक सफर
महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल और वरिष्ठ नेता राधाकृष्णन ने उपराष्ट्रपति बनने से पहले राज्यपाल पद से इस्तीफा दिया था। राष्ट्रपति कार्यालय ने गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत को महाराष्ट्र का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है। राधाकृष्णन का उपराष्ट्रपति पद पर आसीन होना राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की मजबूत स्थिति को भी दर्शाता है।