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मध्य प्रदेश

छिंदवाड़ा कफ सिरप केस: 72 घंटे की तलाश के बाद श्रीसन फार्मा मालिक जी. रंगनाथन गिरफ्तार, फैक्ट्री सील

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छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश):
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में जहरीले कोल्डरिफ कफ सिरप से 20 मासूम बच्चों की मौत के बाद आखिरकार पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स के मालिक जी. रंगनाथन गोविंदन को पुलिस ने चेन्नई से गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी गुरुवार तड़के रात 1:30 बजे एक नाटकीय ऑपरेशन के दौरान हुई।

घटना के बाद से फरार चल रहे रंगनाथन और उनकी पत्नी को पकड़ने के लिए मध्य प्रदेश पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) लगातार 72 घंटे तक ऑपरेशन में जुटी रही। आखिरकार गुप्त सूचना के आधार पर टीम ने चेन्नई के कोडंबक्कम इलाके के अशोक नगर अपार्टमेंट में छापेमारी कर आरोपी को दबोच लिया।

72 घंटे की खोज, 7 सदस्यीय विशेष टीम

चार अक्टूबर को छिंदवाड़ा पुलिस ने श्रीसन फार्मा के खिलाफ हत्या, दवा मिलावट और बच्चों की सुरक्षा को खतरे में डालने के आरोपों में एफआईआर दर्ज की थी। अगले ही दिन एसडीओपी परासिया जितेंद्र जाट के नेतृत्व में सात सदस्यीय SIT को चेन्नई भेजा गया था। इस टीम में महिला अधिकारी, साइबर एक्सपर्ट और ड्रग इंस्पेक्टर भी शामिल थे, ताकि जांच के हर पहलू को कवर किया जा सके।

टीम ने रंगनाथन के बैंक लेनदेन, मोबाइल लोकेशन, वाहनों की मूवमेंट और ठिकानों पर नजर रखी। गुप्त सूचना ने आखिरकार पुलिस को उनके ठिकाने तक पहुंचा दिया।

फैक्ट्री से जब्त हुए दस्तावेज, उजागर हुई लापरवाही

गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने रंगनाथन को कांचीपुरम स्थित श्रीसन फार्मा फैक्ट्री में ले जाकर छापेमारी की। फैक्ट्री में जंग लगी मशीनें, गंदगी और गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिस (GMP) की भारी कमी मिली।

जांच में सामने आया कि कंपनी 1990 में प्राइवेट लिमिटेड के रूप में रजिस्टर्ड थी, लेकिन 2009 में इसे कॉर्पोरेट रजिस्टर से हटा दिया गया था। इसके बावजूद यह अवैध रूप से प्रोप्राइटरी फर्म के रूप में काम कर रही थी। फैक्ट्री सिरप और हर्बल दवाओं के नाम पर जहरीली दवाएं बना रही थी।

पुलिस करेगी ट्रांजिट रिमांड की मांग

पुलिस अब रंगनाथन को छिंदवाड़ा लाने के लिए चेन्नई कोर्ट से ट्रांजिट रिमांड की मांग कर रही है। SIT अब उन रसायन आपूर्तिकर्ताओं और मेडिकल एजेंटों की जांच कर रही है जो इस सप्लाई चेन का हिस्सा थे।

सरकार की सख्त कार्रवाई

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस मामले पर आपात बैठक बुलाई और तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए। दो ड्रग इंस्पेक्टरों को निलंबित, फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के डिप्टी डायरेक्टर को हटाया गया और ड्रग कंट्रोलर का तबादला कर दिया गया।

तमिलनाडु ड्रग कंट्रोल अथॉरिटी ने फैक्ट्री को सील कर दिया है और सभी उत्पादों को बाजार से वापस मंगाने का आदेश दिया गया है।

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