भोपाल: कांग्रेस सैनिक प्रकोष्ठ ने शनिवार को भोपाल स्थित कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर मंत्री विजय शाह और डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा के बयानों पर कड़ा ऐतराज जताया। इस दौरान पूर्व मेजर जनरल श्याम श्रीवास्तव ने कहा कि भारतीय सेना किसी दल या व्यक्ति की नहीं, बल्कि केवल संविधान और राष्ट्र के प्रति समर्पित है।
उन्होंने आरोप लगाया कि नेताओं के बयानों से सेना के सम्मान को ठेस पहुंची है। "अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो देशभर के पूर्व सैनिक सड़क पर उतरने को मजबूर होंगे," श्रीवास्तव ने चेतावनी दी।
सरकार की चुप्पी पर सवाल
पूर्व सैनिक मेजर श्याम सुंदर ने सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा कि अब तक किसी तरह की ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। उन्होंने पूछा, "जब सेना देश की रक्षा के लिए जान देने को तैयार है, तो उसके सम्मान पर चोट करने वालों पर कार्रवाई क्यों नहीं?"
उनका कहना है कि समय पर प्रतिक्रिया से सैनिकों का मनोबल बना रहता, लेकिन मौजूदा चुप्पी से सेना के भीतर नाराज़गी और आक्रोश है।
राजनीति में सेना को घसीटना खतरनाक
मेजर श्याम सुंदर ने इसे "वोट बैंक की राजनीति" का परिणाम बताया और कहा कि सेना को राजनीतिक विवादों से दूर रखा जाना चाहिए। "जो देश के जवानों का मनोबल तोड़ेगा, वह देशद्रोही के समान है," उन्होंने तीखा बयान दिया।
सपा के बयान पर भी नाराज़गी
उन्होंने समाजवादी पार्टी के बयान की भी निंदा करते हुए कहा कि "सेना में पहले दिन से ही सिखाया जाता है - देश सबसे ऊपर।" उन्होंने किसी भी सांप्रदायिक या राजनीतिक टिप्पणी को सशस्त्र बलों का अपमान बताया।
न्यायपालिका से उम्मीद, सरकार की भूमिका पर सवाल
पूर्व सैनिकों का कहना है कि मामला अब कोर्ट में है और न्यायपालिका ने संज्ञान ले लिया है, लेकिन सरकार को भी इस मुद्दे पर खुलकर सामने आना चाहिए। "अगर सरकार कार्रवाई नहीं करती, तो जनता और सैनिकों का गुस्सा जल्द सड़कों पर नजर आएगा।"
सेना की संस्कृति और अनुशासन पर जोर
मेजर श्याम सुंदर ने कहा कि भारतीय सेना अनुशासन, नेतृत्व और समर्पण की मिसाल है। उन्होंने उदाहरण दिया कि एक अधिकारी अपने जवानों के रोज़े का सम्मान करते हुए खुद भी रोज़ा रखते थे। "यही हमारी सेना की ताकत है," उन्होंने कहा।