नई दिल्ली, 23 मई 2025 – साल 2025 की शुरुआत से अब तक दुनियाभर में टेक इंडस्ट्री के लिए मुश्किल भरे संकेत देखने को मिल रहे हैं। ग्लोबल स्तर पर 130 से अधिक कंपनियों ने करीब 61,000 कर्मचारियों की छंटनी कर दी है। चौंकाने वाली बात यह है कि इस सूची में Microsoft, Amazon, Google, और Meta जैसी दिग्गज टेक कंपनियां भी शामिल हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि इसके पीछे का प्रमुख कारण ऑटोमेशन, जनरेटिव AI की बढ़ती उपयोगिता, और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता है।
टेक इंडस्ट्री में क्यों हो रही हैं छंटनियाँ?
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AI और ऑटोमेशन: कंपनियां लागत कम करने और उत्पादकता बढ़ाने के लिए AI टूल्स का इस्तेमाल कर रही हैं, जिससे कई नौकरियों की ज़रूरत नहीं रही।
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आर्थिक मंदी की आशंका: निवेशक दबाव, घटते मुनाफे और फंडिंग में गिरावट के कारण कंपनियाँ संरचनात्मक बदलाव कर रही हैं।
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रिकंस्ट्रक्शन प्लानिंग: कई कंपनियाँ अपने बिज़नेस मॉडल को री-डिज़ाइन कर रही हैं, जिससे कुछ विभागों में कर्मचारियों की आवश्यकता खत्म हो रही है।
किन सेक्टर्स पर सबसे ज्यादा असर?
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सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट
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कस्टमर सपोर्ट
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HR और रिक्रूटमेंट
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मार्केटिंग और एडवरटाइजिंग
भारत पर क्या असर?
भारत में स्थित कई मल्टीनेशनल कंपनियों के कार्यालय भी इस छंटनी की लहर की चपेट में आए हैं। बेंगलुरु, हैदराबाद, और पुणे जैसे टेक हब्स में कर्मचारियों की नौकरियाँ अस्थिर हो गई हैं।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?
टेक इंडस्ट्री के विश्लेषकों का कहना है कि "यह बदलाव स्थायी नहीं है, लेकिन इस दौर में स्किल अपग्रेडेशन ही नौकरी की गारंटी बन सकता है।"
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