अगर आप बार-बार UPI ऐप पर बैलेंस चेक करते हैं या हर लेन-देन का स्टेटस बार-बार देखते हैं, तो अब सावधान हो जाइए। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने 1 अगस्त 2025 से UPI API के नए नियम लागू करने का फैसला किया है, जिसका असर सभी UPI यूजर्स पर पड़ेगा।
NPCI ने बैंकों और पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स (PSP) को 31 जुलाई 2025 तक सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले 10 API पर लिमिट तय करने के निर्देश दिए हैं। इसका मतलब यह है कि बैलेंस चेक, ऑटोपे और ट्रांजैक्शन स्टेटस जैसी सर्विसेज पर यूजर्स के लिए नई सीमाएं तय होंगी।
क्यों लागू हो रहे हैं ये बदलाव?
दरअसल, हर बार जब आप UPI पर बैलेंस चेक या स्टेटस चेक करते हैं, यह बैकएंड पर एक पूरा ट्रांजैक्शन बनता है, जिससे नेटवर्क पर भारी दबाव पड़ता है। NPCI का मानना है कि लिमिट सेट करने से UPI सिस्टम ज्यादा तेजी से और स्मूथ काम करेगा।
क्या बदल जाएगा? जानिए नई गाइडलाइन्स
✅ बैलेंस चेक लिमिट
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1 अगस्त 2025 से किसी एक UPI ऐप पर दिन में सिर्फ 50 बार बैलेंस चेक कर पाएंगे।
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अगर आपके पास दो अलग-अलग ऐप हैं, तो दोनों में 50-50 बार चेकिंग की अलग लिमिट होगी।
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अगर इससे ज्यादा बार बैलेंस देखना है, तो सीधे बैंक ऐप या नेट बैंकिंग का इस्तेमाल करना होगा।
✅ ऑटोपे पेमेंट्स में बदलाव
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ऑटोपे (Autopay) की लिमिट और प्रोसेस में कोई बड़ा बदलाव नहीं आएगा, लेकिन पीक ऑवर्स (सुबह 10-1 बजे और शाम 5-9:30 बजे) में अब पैसे नहीं कटेंगे।
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ऑटोपे सिर्फ नॉन-पीक ऑवर्स में प्रोसेस होगा, जिससे शेड्यूलिंग में थोड़ी देरी हो सकती है।
✅ लिंक्ड अकाउंट लिमिट
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UPI ऐप में आप अपने नंबर से कई बैंक अकाउंट लिंक कर सकते हैं, लेकिन दिन में 25 बार ही अकाउंट चेकिंग रिक्वेस्ट भेज सकेंगे।
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हर रिक्वेस्ट तभी सफल होगी, जब यूजर ने बैंक को चुना होगा और सहमति दी होगी।
✅ लेनदेन स्टेटस चेक लिमिट
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अगर पेमेंट फंस जाता है, तो बार-बार स्टेटस चेक की API कॉल्स बंद कर दी जाएंगी।
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इसका मतलब यह है कि यूजर्स को तुरंत पेमेंट स्टेटस नहीं मिलेगा, लेकिन बैंक की ओर से SMS या अलर्ट जरूर आएगा।
यूजर्स को घबराने की जरूरत नहीं!
हालांकि ये बदलाव सुनकर लग सकता है कि सर्विस पर असर होगा, लेकिन NPCI का दावा है कि इससे UPI नेटवर्क की स्पीड और एफिशिएंसी बढ़ेगी। बैंक से हर जरूरी मैसेज या अपडेट यूजर्स को मिलता रहेगा, इसलिए आपको अलग से फिकर करने की जरूरत नहीं है।
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