उज्जैन। मध्यप्रदेश के उज्जैन में एक भावुक कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां पुलिस अधीक्षक (एसपी) प्रदीप शर्मा ने मात्र 25 मिनट में चौथी कक्षा में पढ़ने वाली 8 साल की बच्ची इच्छा रघुवंशी को पुलिस विभाग में बाल आरक्षक पद पर नियुक्ति का पत्र सौंप दिया।
पिता की ड्यूटी के दौरान मौत
इच्छा के पिता देवेन्द्र सिंह रघुवंशी महाकाल थाने में प्रधान आरक्षक थे। बीते 17 मई 2025 को ड्यूटी के दौरान उन्हें हार्ट अटैक आया और उनकी मौत हो गई। अचानक हुए इस हादसे से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। पिता ही घर के इकलौते कमाने वाले सदस्य थे।
मां-बेटी ने किया आवेदन
पिता की मौत के तीन महीने बाद, 2 सितंबर को इच्छा अपनी मां के साथ अनुकम्पा नियुक्ति के लिए एसपी ऑफिस पहुंची। मां ने आवेदन दिया और बच्ची के साथ अपनी मजबूरी बताई।
तुरंत मिला नियुक्ति पत्र
आम तौर पर सरकारी प्रक्रियाओं में फाइलों को आगे बढ़ने में वक्त लगता है, लेकिन एसपी प्रदीप शर्मा ने संवेदनशीलता दिखाते हुए आवेदन प्राप्त होते ही तुरंत प्रक्रिया शुरू कर दी। सिर्फ 25 मिनट के भीतर इच्छा के नाम बाल आरक्षक पद का नियुक्ति आदेश जारी कर परिजनों को सौंप दिया गया।
कितना वेतन मिलेगा?
पुलिस नियमों के अनुसार, फिलहाल इच्छा बाल आरक्षक बनी है। उसे हर महीने 15,113 रुपये वेतन मिलेगा, जो कि नव आरक्षक के आधे वेतन के बराबर है। साथ ही महीने में एक बार थाने आकर साइन करना होगा और पढ़ाई से जुड़ी जानकारी भी देनी होगी।
कब बनेगी स्थायी आरक्षक?
फिलहाल चौथी कक्षा में पढ़ रही इच्छा को 10वीं पास करने और 18 साल की उम्र पूरी करने के बाद स्थायी आरक्षक बनाया जाएगा। तब तक उसकी मां को पिता की पेंशन भी मिलती रहेगी।