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मध्य प्रदेश

थाईलैंड-कंबोडिया से भारत में चल रही थी हाईटेक ठगी: MP पुलिस ने किया अंतरराष्ट्रीय गैंग का पर्दाफाश, दो गिरफ्तार

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पन्ना (मध्य प्रदेश)।
पन्ना पुलिस ने एक अंतरराष्ट्रीय साइबर ठग गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो थाईलैंड और कंबोडिया से संचालित होकर भारत में "डिजिटल अरेस्ट" नामक हाईटेक साइबर फ्रॉड को अंजाम दे रहा था। इस गिरोह से जुड़े दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। साथ ही ₹14 लाख की ठगी के एक मामले का भी खुलासा किया गया है।

अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का खुलासा

पन्ना पुलिस अधीक्षक साईं कृष्णा एस थोटा ने बताया कि इस केस में तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर विदेशी तकनीक से संचालित एक बड़े साइबर फ्रॉड नेटवर्क का पता चला है, जो टेलीग्राम जैसे एन्क्रिप्टेड ऐप्स के जरिए भारत में बैठकर अंतरराष्ट्रीय ठगों से जुड़ा हुआ था।


क्या है "डिजिटल अरेस्ट" ठगी?

"डिजिटल अरेस्ट" साइबर फ्रॉड का एक नया और खतरनाक तरीका है जिसमें ठग खुद को जांच एजेंसी या पुलिस अफसर बताकर लोगों को डराते हैं और कहते हैं कि उनका नाम किसी क्राइम में शामिल है। फिर उन्हें "ऑनलाइन गिरफ्तार" करने और पूछताछ के बहाने वीडियो कॉल या लिंक के ज़रिए बड़ी रकम वसूल ली जाती है।


बरामद हुआ हाईटेक साइबर उपकरण

पुलिस की टीम ने आरोपियों के कब्जे से निम्न सामग्री जब्त की:

  • 12 सिम बॉक्स (भारत में प्रतिबंधित), थाईलैंड से मंगवाए गए

  • 1700+ एयरटेल सिम कार्ड

  • 3 लैपटॉप

  • ₹1.5 लाख नकद व विदेशी मुद्रा

  • कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और दस्तावेज

जब्त कुल सामग्री की कीमत लगभग ₹27.30 लाख आंकी गई है।


कैसे पकड़े गए आरोपी?

  • 7 फरवरी 2025 को पन्ना कोतवाली में धाम मोहल्ला निवासी अंशु शर्मा ने ₹14 लाख की ठगी की शिकायत दर्ज कराई थी।

  • साइबर सेल और पन्ना पुलिस की संयुक्त टीम ने मुंबई में दो संदिग्धों को हिरासत में लिया। पूछताछ के बाद ठगी की पूरी साज़िश का पर्दाफाश हुआ।

  • आरोपी भारत में सिम बॉक्स सेटअप करते थे और विदेश से आने वाले निर्देशों पर फ्रॉड कॉल व ट्रांजैक्शन करते थे


कैसे होता था फ्रॉड?

  • टेलीग्राम के जरिए विदेशी ऑपरेटर्स से आरोपी संपर्क में रहते थे

  • भारत में सिम बॉक्स के ज़रिए हजारों कॉल्स एक ही समय में की जाती थीं

  • कॉल रिसीव करने वाले को सरकारी एजेंसी बताकर डराया जाता था

  • और फिर उनसे ऑनलाइन भुगतान करवा लिया जाता था


पुलिस की अपील

पन्ना एसपी ने नागरिकों से किसी भी अनजान कॉल पर व्यक्तिगत जानकारी शेयर न करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि साइबर अपराधियों के नए-नए तरीके सामने आ रहे हैं, जिनसे बचने के लिए जागरूकता और सतर्कता ही सबसे बड़ा हथियार है।

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