भोपाल/इंदौर। पाकिस्तान को ड्रोन सप्लाई करने वाली तुर्किए की कंपनी Asis Elektronik के लिए भारत से बड़ी चेतावनी सामने आई है। मध्य प्रदेश सरकार ने संकेत दिए हैं कि भोपाल और इंदौर मेट्रो प्रोजेक्ट में इस कंपनी को दिए गए ऑटोमैटिक फेयर कलेक्शन सिस्टम के ठेके पर पुनर्विचार किया जा सकता है। सरकार के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने इस मामले में सोशल मीडिया पर गंभीर टिप्पणी की है।
ड्रोन हमलों से जुड़ा है विवाद
हाल ही में जम्मू-कश्मीर और पंजाब जैसे सीमावर्ती राज्यों में 7 मई से 10 मई 2025 के बीच पाकिस्तान द्वारा सैकड़ों ड्रोन अटैक किए गए। ये ड्रोन तुर्किए की कंपनी ASISGUARD द्वारा सप्लाई किए गए थे, जो कि Asis Elektronik की पैरेंट कंपनी है।
ASISGUARD की स्थापना 2018 में हुई थी और यह सैन्य ग्रेड ड्रोन बनाती है, जिनका प्रयोग कथित रूप से भारत विरोधी गतिविधियों में किया गया।
कैलाश विजयवर्गीय का बयान
मध्यप्रदेश सरकार में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने X (पूर्व ट्विटर) पर कहा:
“तुर्किए की कंपनी 'असिस गार्ड', जो ड्रोन निर्माण में संलग्न है, उस पर आरोप है कि उसके ड्रोन भारत विरोधी गतिविधियों में प्रयुक्त हुए। यह गंभीर विषय है कि यही कंपनी भोपाल और इंदौर मेट्रो परियोजनाओं में डिजिटल प्रणाली के कार्य हेतु अनुबंधित है। अधिकारियों को तथ्यों की निष्पक्ष जांच के निर्देश दिए गए हैं। यदि यह पाया गया कि कंपनी भारत विरोधी तत्वों से जुड़ी है, तो उसका अनुबंध तत्काल समाप्त कर दिया जाएगा।”
क्या हो सकता है असर?
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यदि मध्यप्रदेश सरकार ने यह कॉन्ट्रैक्ट रद्द किया तो यह तुर्किए की कंपनी Asis Elektronik के लिए बड़ा झटका होगा।
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भारत में चल रहे अन्य प्रोजेक्ट्स पर भी इसकी छाया पड़ सकती है।
देश की राष्ट्रीय सुरक्षा नीति के तहत ऐसी कंपनियों से दूरी बनाना सरकार की प्राथमिकता है।
कॉन्ट्रैक्ट डिटेल्स एक नजर में
बिंदु | विवरण |
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प्रोजेक्ट | भोपाल व इंदौर मेट्रो रेल AFC सिस्टम |
ठेका प्राप्त कंपनी | Asis Elektronik, तुर्किए |
ठेका राशि | ₹186.52 करोड़ |
पैरेंट कंपनी | ASISGUARD (ड्रोन निर्माता) |
विवाद की वजह | पाकिस्तान को सप्लाई किए गए ड्रोन जो भारत में हमलों में प्रयुक्त हुए |