नई दिल्ली | 6 जून 2025
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के बाद आम जनता को बड़ी राहत दी है। आरबीआई ने रेपो रेट में 0.50% की कटौती का ऐलान किया है। यह फैसला देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने और महंगाई के दबाव को नियंत्रित रखने के उद्देश्य से लिया गया है।
क्या है रेपो रेट?
रेपो रेट वह ब्याज दर है जिस पर RBI देश के वाणिज्यिक बैंकों को अल्पकालिक ऋण देता है। इस दर में कटौती का सीधा असर आम जनता पर पड़ता है क्योंकि इससे लोन और ईएमआई की दरें घटती हैं, खासकर होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन।
होम लोन धारकों के लिए राहत
रेपो रेट में 0.50% की कटौती के बाद बैंकों के लिए फंडिंग सस्ती हो जाएगी, जिससे वे उपभोक्ताओं को भी सस्ते लोन दे सकेंगे। इसका मतलब यह है कि अब:
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🏠 होम लोन की ब्याज दरें घटेंगी
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💸 EMI का बोझ कम होगा
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🏗 रियल एस्टेट सेक्टर को मिलेगा बड़ा बढ़ावा
तीसरी बार लगातार कटौती
यह लगातार तीसरी बार है जब RBI ने रेपो रेट में कटौती की है। इससे पहले भी दो बार 0.25-0.25% की कटौती की जा चुकी है। इस बार की कटौती को आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने वाला कदम माना जा रहा है।
विशेषज्ञों की राय
आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से उपभोक्ता मांग को बल मिलेगा और बाजार में नकदी प्रवाह बढ़ेगा। साथ ही, यह रियल एस्टेट, ऑटोमोबाइल और SME सेक्टर के लिए भी सकारात्मक संकेत है।
वर्तमान रेपो रेट स्थिति:
समय | रेपो रेट (%) |
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अप्रैल 2025 | 6.00% |
जून 2025 (अब) | 5.50% |
अब निगाहें बैंकों पर होंगी कि वे कितनी जल्दी इस कटौती का लाभ ग्राहकों तक पहुंचाते हैं। उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही SBI, HDFC, ICICI Bank जैसे प्रमुख बैंक ब्याज दरों में कटौती की घोषणा करेंगे। |