रतलाम (मध्य प्रदेश):
मुख्यमंत्री मोहन यादव के काफिले के लिए तैयार की गई 19 इनोवा कारों में डीजल की जगह पानी भरे जाने का मामला सामने आने से प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मच गया। ये सभी वाहन शुक्रवार को आयोजित MP Rise Conclave में शामिल होने के लिए तैयार किए गए थे, लेकिन ईंधन भरवाने के कुछ ही देर बाद सभी कारें एक-एक कर बंद हो गईं।
क्या है पूरा मामला?
गुरुवार रात करीब 10 बजे रतलाम के ढोसी गांव स्थित भारत पेट्रोलियम के 'शक्ति फ्यूल्स' पेट्रोल पंप पर मुख्यमंत्री के काफिले की 19 इनोवा गाड़ियां डीजल भरवाने पहुंचीं। लेकिन ईंधन भरने के कुछ किलोमीटर बाद ही वाहन रुकने लगे। जब ड्राइवरों ने समस्या की जानकारी दी, तो तुरंत प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंचा।
जांच में सामने आया कि सभी गाड़ियों के डीजल टैंक में डीजल के बजाय बड़ी मात्रा में पानी मिला हुआ था। एक गाड़ी के टैंक से निकाले गए 20 लीटर तरल में से 10 लीटर पानी था। यही स्थिति बाकी गाड़ियों में भी पाई गई। एक ट्रक, जिसमें 200 लीटर डीजल डलवाया गया था, वह भी कुछ ही दूरी चलकर बंद हो गया।
गैरेज जैसा नजारा, हड़कंप का माहौल
19 गाड़ियों के टैंक मौके पर ही खोल दिए गए, जिससे पेट्रोल पंप कुछ ही समय में गैरेज में तब्दील हो गया। डीजल में पानी मिलने की शिकायत के बाद कुछ अन्य वाहन मालिक भी पंप पर पहुंचने लगे। मौके पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों में नायब तहसीलदार आशीष उपाध्याय, खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी आनंद गोरे और भारत पेट्रोलियम के क्षेत्रीय प्रबंधक श्रीधर शामिल थे।
क्या बोले पेट्रोल पंप कर्मचारी?
पेट्रोल पंप कर्मचारियों ने दावा किया कि बारिश के कारण डीजल टैंक में पानी रिस गया, और यह घटना जानबूझकर नहीं की गई। हालांकि, प्रशासन ने एहतियातन पेट्रोल पंप को तुरंत सील कर दिया है।
CM काफिले के लिए आया नया बेड़ा
हालात को संभालते हुए प्रशासन ने इंदौर से तत्काल वैकल्पिक वाहनों की व्यवस्था की और मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में किसी तरह की बाधा नहीं आने दी। हालांकि, यह घटना ईंधन आपूर्ति की गुणवत्ता और निगरानी पर कई सवाल खड़े करती है।
जांच जारी, ज़िम्मेदारों पर कार्रवाई तय
पुलिस और जिला प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है और नमूने परीक्षण के लिए भेजे गए हैं। दोषी पाए जाने पर संबंधित पेट्रोल पंप के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।