भोपाल। मध्य प्रदेश में लंबे समय से सत्ता से बाहर चल रही कांग्रेस अब अपनी राजनीतिक जमीन दोबारा हासिल करने की कोशिश में जुट गई है। इसी कड़ी में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी आज राजधानी भोपाल में 'संगठन सृजन अभियान' की शुरुआत करेंगे। इस अभियान का उद्देश्य राज्य में पार्टी के संगठनात्मक ढांचे को मजबूत कर 2028 के विधानसभा चुनावों की तैयारी करना है।
भाजपा का दबदबा, कांग्रेस की चुनौती
गौरतलब है कि 2023 के विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने 230 सीटों में से 163 सीटें जीतकर प्रचंड बहुमत हासिल किया था, जबकि कांग्रेस मात्र 66 सीटों पर सिमट कर रह गई थी। वहीं, 2024 के लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा, जब भाजपा ने कमल नाथ के गढ़ छिंदवाड़ा सहित राज्य की सभी 29 लोकसभा सीटों पर कब्जा जमा लिया।
अभियान का फोकस: संगठन और सामाजिक समावेश
राहुल गांधी के दौरे के दौरान कांग्रेस प्रदेशभर के नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ विचार-मंथन कर संगठनात्मक सुधारों और कार्यकर्ताओं के मनोबल को बढ़ाने की योजना बनाएगी। कांग्रेस नेताओं अरुण यादव और सज्जन वर्मा ने बताया कि अभियान का मकसद पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूत करना और कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा का संचार करना है।
इस दौरान एक प्रस्ताव पारित कर राहुल गांधी को जाति आधारित जनगणना की मांग उठाने के लिए धन्यवाद दिया जाएगा। यह प्रस्ताव विशेष रूप से ओबीसी वर्ग के सशक्तिकरण पर केंद्रित होगा, जो राज्य की आबादी का 50% से अधिक है।
राहुल गांधी का शेड्यूल
राहुल गांधी का भोपाल दौरा सुबह 11 बजे शुरू होगा और लगभग पांच घंटे तक चलेगा। इस दौरान वे प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में राजनीतिक मामलों की समिति की बैठक में हिस्सा लेंगे। इसके बाद वे सांसदों, विधायकों, एआईसीसी पर्यवेक्षकों, राज्य प्रभारियों और ब्लॉक स्तर तक के नेताओं के साथ संवाद करेंगे।
मिशन 2028 की नींव
पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा ने दावा किया कि राहुल गांधी की सामाजिक समावेश की नीति के चलते केंद्र सरकार को जाति आधारित जनगणना की दिशा में कदम उठाना पड़ा है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने पहले इस मांग का मजाक उड़ाया था, लेकिन अब उसे स्वीकार करना पड़ा है।
कांग्रेस को उम्मीद है कि 'संगठन सृजन अभियान' के माध्यम से वह मध्य प्रदेश में वैसी ही संगठनात्मक मजबूती हासिल कर सकेगी जैसी उसने गुजरात में हाल ही में दिखाई है।
मध्य प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर सक्रिय होने की कोशिश में कांग्रेस अपने शीर्ष नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में राज्य में नई ऊर्जा का संचार करना चाहती है। मिशन 2028 के तहत शुरू हुआ यह अभियान पार्टी की भविष्य की दिशा और दशा तय कर सकता है।