भोपाल, 10 जुलाई 2025:
मध्यप्रदेश में बुधवार को 40 हजार से ज्यादा बैंककर्मी हड़ताल पर चले गए। कर्मचारी अपनी 17 सूत्रीय मांगों के समर्थन में अखिल भारतीय बैंक हड़ताल में शामिल हुए हैं। इसका सीधा असर राज्य की लगभग 8500 बैंक शाखाओं पर पड़ा है, जहां कामकाज पूरी तरह ठप हो गया है।
हड़ताल का आह्वान ऑल इंडिया बैंक एम्पलाइज एसोसिएशन (AIBEA), ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (AIBOA) और बैंक एम्पलाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया (BEFI) ने किया है। इन संगठनों ने केंद्रीय श्रमिक संगठनों की मांगों का समर्थन करते हुए बैंकिंग क्षेत्र की चुनौतियों और कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर प्रदर्शन का फैसला लिया।
भोपाल में 400 शाखाओं में ठप पड़ा काम
राजधानी भोपाल में हड़ताल का व्यापक असर देखा गया। यहां 400 से अधिक बैंक शाखाओं में करीब 5000 बैंक अधिकारी और कर्मचारी हड़ताल में शामिल हुए। हालांकि बैंक खुले रहे, लेकिन लेन-देन और ग्राहक सेवा जैसी गतिविधियाँ बाधित रहीं, जिससे ग्राहकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
ये हैं 17 सूत्रीय प्रमुख मांगें:
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जन और श्रम विरोधी नीतियों को समाप्त किया जाए
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बैंकों और बीमा कंपनियों का निजीकरण रोका जाए
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बीमा क्षेत्र में 100% FDI पर रोक लगाई जाए
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सार्वजनिक बीमा कंपनियों का एकीकरण कर उन्हें सशक्त किया जाए
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पर्याप्त भर्ती सुनिश्चित की जाए, आउटसोर्सिंग बंद हो
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NPS समाप्त कर OPS (पुरानी पेंशन योजना) को बहाल किया जाए
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कॉर्पोरेट्स से NPA की वसूली के लिए सख्त कदम उठाए जाएं
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ग्राहकों पर लगने वाले सेवा शुल्क कम किए जाएं
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बीमा प्रीमियम पर लगने वाला GST वापस लिया जाए
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श्रम संहिताएं लागू न की जाएं, ट्रेड यूनियन अधिकारों की रक्षा हो
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बैंककर्मियों की लंबित मांगों का शीघ्र समाधान हो
कर्मचारियों ने दिया जोरदार प्रदर्शन
भोपाल में गर्वमेंट प्रेस के पास बड़ी संख्या में बैंककर्मी इकट्ठा हुए और नारेबाजी कर सरकार से मांगों को जल्द पूरा करने की अपील की। प्रदर्शन के दौरान कर्मचारी नेताओं ने कहा कि यदि सरकार ने उनकी मांगों की अनदेखी की, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।
ट्रेड यूनियन संयुक्त मोर्चा के प्रवक्ता वीके शर्मा ने कहा कि यह सिर्फ बैंककर्मियों की लड़ाई नहीं है, बल्कि देश के आम नागरिक और श्रमिक वर्ग के हितों की भी लड़ाई है।
बैंकिंग सेवाएं ठप, ग्राहकों को हो रही परेशानी
राज्यभर में हड़ताल के चलते नकदी जमा, निकासी, चेक क्लीयरेंस और लोन संबंधित कार्य प्रभावित हुए हैं। कई ग्राहकों को बताया गया कि "आज कोई लेन-देन नहीं हो सकेगा।"
ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों में भी बैंक शाखाओं के बंद होने से व्यापारियों और किसानों को नुकसान उठाना पड़ा।