भोपाल। मध्य प्रदेश में जल जीवन मिशन के तहत 1000 करोड़ रुपये की कथित कमीशन वसूली का गंभीर मामला सामने आया है। आरोप लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (PHE) विभाग की मंत्री संपतिया उइके पर लगे हैं। पूर्व विधायक किशोर समरीते ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजी गई शिकायत में यह दावा किया है।
शिकायत में समरीते ने आरोप लगाया है कि मंत्री उइके ने जल जीवन मिशन के प्रोजेक्ट्स से भारी भरकम घूसखोरी की है। इसके अलावा तत्कालीन प्रमुख अभियंता बीके सोनगरिया और उनके अकाउंटेंट महेंद्र खरे पर भी करोड़ों रुपये की रिश्वत लेने के आरोप लगाए गए हैं।
हालांकि मंत्री संपतिया उइके ने सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए खुद को निर्दोष बताया है। भोपाल में मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा,
"मैं एक आदिवासी महिला हूं, मजदूर वर्ग से आती हूं और जनता की सेवा कर रही हूं। जो चाहे जांच करे, मुझे कोई आपत्ति नहीं है। सांच को आंच नहीं। मुख्यमंत्री को सब पता है – मैं कौन हूं और कैसी हूं।"
मंत्री ने यह भी बताया कि वह इस विषय को कैबिनेट बैठक में उठाएंगी और मुख्यमंत्री से इस बारे में बात करेंगी। उन्होंने जल्द ही प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सभी आरोपों का जवाब देने की बात भी कही।
इस बीच लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (PHE) ने भी एक आधिकारिक प्रेस नोट जारी कर आरोपों को बेबुनियाद, काल्पनिक और तथ्यहीन बताया है। विभाग के अनुसार, शिकायतकर्ता ने किसी प्रकार का ठोस प्रमाण या दस्तावेज नहीं सौंपा है।
दिलचस्प बात यह है कि इन आरोपों की प्रारंभिक जांच का आदेश स्वयं विभाग के प्रमुख अभियंता संजय अंधवान ने दिया है। यह जांच प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा मांगी गई रिपोर्ट के जवाब में शुरू की गई है।
मुख्य बातें:
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जल जीवन मिशन में 1000 करोड़ की कमीशन वसूली का आरोप
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PHE मंत्री संपतिया उइके पर पूर्व विधायक किशोर समरीते का गंभीर दावा
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मंत्री ने कहा – "मैं निर्दोष हूं, जांच से नहीं डरती"
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विभाग ने आरोपों को बताया मनगढ़ंत और पूर्वाग्रह से प्रेरित
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विभागीय प्रमुख अभियंता संजय अंधवान ने जांच के आदेश दिए