भोपाल, 26 अगस्त 2025
मध्य प्रदेश कांग्रेस में एक बार फिर सियासी खींचतान खुलकर सामने आ गई है। पार्टी के दो बड़े नेता — पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और कमल नाथ — ने एक-दूसरे पर खुलकर आरोप लगाए हैं। मुद्दा है 2020 की वो बगावत, जब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया था।
दिग्विजय का आरोप: ‘कमल नाथ ने सिंधिया की विश लिस्ट नजरअंदाज़ की’
हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में 78 वर्षीय दिग्विजय सिंह ने कहा कि सिंधिया कांग्रेस इसलिए छोड़कर गए क्योंकि उनकी “विश लिस्ट” पर अमल नहीं हुआ।
उन्होंने दावा किया कि 2020 की शुरुआत में वे, कमल नाथ और सिंधिया एक उद्योगपति के घर डिनर पर मिले थे। उस दौरान ग्वालियर-चंबल क्षेत्र से जुड़े अहम मुद्दों को हल करने की बात हुई और एक “जॉइंट विश लिस्ट” तैयार की गई।
लेकिन, दिग्विजय के मुताबिक, कमल नाथ ने उन मांगों को नज़रअंदाज़ किया, जिसके चलते सरकार संकट में आ गई।
कमल नाथ का पलटवार: ‘सिंधिया को लगता था सरकार दिग्विजय चला रहे हैं’
कमल नाथ ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर दिग्विजय पर सीधा वार किया। उन्होंने कहा:
“पुरानी बातें उखाड़ने का कोई मतलब नहीं, लेकिन यह सच है कि सिंधिया को लगता था कि सरकार दिग्विजय सिंह चला रहे हैं। उनकी महत्वाकांक्षाओं और इस नाराजगी ने उन्हें 22 विधायकों (जिनमें 6 मंत्री शामिल थे) के साथ बीजेपी में जाने को मजबूर किया।”
कमल नाथ के इस बयान से साफ है कि वे सिंधिया की बगावत के लिए दिग्विजय को जिम्मेदार ठहराते हैं।
सिंधिया की चुप्पी
इस विवाद पर जब केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से प्रतिक्रिया मांगी गई, तो उन्होंने कहा:
“मैं अतीत पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा।”
उनकी यह चुप्पी सियासी गलियारों में नए सवाल खड़े कर रही है।
पुराने रिश्तों की गवाही
दिलचस्प बात यह है कि हाल ही में एक स्कूल के उद्घाटन समारोह में दिग्विजय और सिंधिया साथ नज़र आए। मंच पर मौजूद सिंधिया खुद नीचे उतरकर दिग्विजय को लेकर मंच पर आए। दिग्विजय ने इसे हल्के अंदाज़ में लेते हुए कहा कि उन्हें दर्शकों में बैठना ज़्यादा पसंद है।
गौरतलब है कि दिग्विजय सिंह ही थे, जिन्होंने कभी माधवराव सिंधिया (ज्योतिरादित्य के पिता) को कांग्रेस में शामिल कराया था। 2001 में माधवराव की मृत्यु के बाद दिग्विजय ने सिंधिया परिवार को राजनीतिक सहयोग दिया था।
जीतू पटवारी ने किया डैमेज कंट्रोल
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने इस विवाद को हल्का करने की कोशिश की। उन्होंने कहा:
“दिग्विजय और कमल नाथ के बीच गहरा स्नेह है। उनकी अपनी केमिस्ट्री है। वे जानते हैं कि कैसे मुद्दों को चर्चा में लाना है। इसलिए हमें इस ‘विश लिस्ट’ पर चिंता करने की ज़रूरत नहीं।”
👉 यह विवाद साफ करता है कि मध्य प्रदेश कांग्रेस में आंतरिक खींचतान अब भी थमी नहीं है, और 2020 की घटनाएं आज भी नेताओं को परेशान कर रही हैं।