भोपाल। मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड ने ईद-उल-अजहा को लेकर एक अहम एडवाइजरी जारी की है, जिसमें लोगों से अपील की गई है कि वे नमाज सड़कों पर न पढ़ें और कुर्बानी केवल तय स्थानों पर ही करें। बोर्ड ने यह कदम त्योहार के दौरान सामाजिक सौहार्द और सफाई व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से उठाया है।
वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सनवर पटेल ने वक्फ मुतवल्लियों और प्रबंध समितियों को निर्देशित किया है कि वे प्रदेशभर की मस्जिदों, ईदगाहों, कर्बला, दरगाहों और मदरसों पर विशेष सतर्कता रखें और जारी निर्देशों का पालन कराएं।
कुर्बानी के लिए निर्धारित स्थानों का उपयोग करें
एडवाइजरी के अनुसार, कुर्बानी केवल उन्हीं स्थानों पर की जाए जो पहले से तय किए गए हैं। इन स्थानों को चारों ओर से दीवार या टीनशेड से घेरा जाना चाहिए और वहां आवश्यक दवाओं का छिड़काव भी किया जाए। साथ ही, कुर्बानी के बाद अनुपयोगी अंगों का निस्तारण नगर निकाय द्वारा निर्धारित कंटेनर या स्थानों पर ही करें।
सोशल मीडिया पर वीडियो-ऑडियो साझा करने से बचें
बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि कुर्बानी या नमाज के वीडियो/ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल न करें, जिससे किसी तरह का भ्रामक या उकसाने वाला माहौल न बने।
सड़कों पर नमाज नहीं, केवल ईदगाह या मस्जिद परिसर में अदा करें
एडवाइजरी में कहा गया है कि ईद की नमाज केवल मस्जिद या ईदगाह परिसर में ही अदा करें। अनावश्यक रूप से सड़क पर नमाज अदा करने से बचने की सलाह दी गई है। यदि किसी कारणवश स्थान की कमी हो तो स्थानीय प्रशासन से अनुमति लेकर ही वैकल्पिक व्यवस्था की जाए।
कलेक्टरों को निर्देश, पालन सख्ती से हो
प्रदेश के सभी कलेक्टरों को वक्फ बोर्ड की एडवाइजरी का सख्ती से पालन कराने और आम जनता को इसके प्रति जागरूक करने के निर्देश दिए गए हैं।
तैयारियों का लिया जायजा
वक्फ बोर्ड अध्यक्ष डॉ. सनवर पटेल ने एशिया की सबसे बड़ी ईदगाह में तैयारियों का भी निरीक्षण किया। रंगाई-पुताई, साफ-सफाई, पार्किंग और अन्य व्यवस्थाओं को लेकर वॉलंटियर्स की तैनाती समेत तमाम तैयारियों की समीक्षा की गई। उन्होंने बताया कि इस बार 250 वॉलंटियर्स व्यवस्था को संभालने के लिए तैनात रहेंगे।
एडवाइजरी के मुख्य बिंदु:
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कुर्बानी तय स्थान पर ही करें, सफाई और ढंकने की व्यवस्था हो
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प्रतिबंधित जानवरों की कुर्बानी न करें
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सोशल मीडिया पर कुर्बानी से संबंधित कोई भी सामग्री वायरल न करें
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नमाज केवल मस्जिद या ईदगाह में ही अदा करें
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सड़क पर नमाज से बचें, प्रशासन की अनुमति से ही कोई वैकल्पिक व्यवस्था करें