प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को लगभग 273 करोड़ रुपये के बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले में दिल्ली और मध्य प्रदेश के भोपाल में तलाशी अभियान चलाया। इस मामले में एक कंपनी और उसके प्रवर्तकों पर आरोप है कि उन्होंने बैंक से लिए गए ऋण की बड़ी राशि का गबन कर उसे फर्जी संस्थाओं को हस्तांतरित कर दिया।
ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत कार्रवाई करते हुए दिल्ली में नौ और भोपाल में एक स्थान पर छापेमारी की। अधिकारियों के अनुसार, तलाशी अभियान कंपनी से जुड़े परिसरों और संबंधित संस्थाओं के यहां चलाया गया। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि बैंक लोन का बड़ा हिस्सा उन संस्थाओं को ट्रांसफर कर दिया गया जो किसी भी वैध व्यापार में शामिल नहीं थीं।
यह कार्रवाई सीबीआई की प्राथमिकी के आधार पर की गई। सीबीआई ने आरोप लगाया था कि कंपनी के प्रवर्तकों और निदेशकों ने भारतीय औद्योगिक वित्त निगम (आईएफसीआई) द्वारा दिए गए ऋण का गबन किया। लोन की राशि को ईएचडीएल से जुड़ी फर्जी संस्थाओं में ट्रांसफर कर दिया गया, जिनका कोई वास्तविक व्यापार नहीं है।
ईडी ने इस मामले में प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। फिलहाल एजेंसी आरोपियों से पूछताछ कर रही है और धन के लेनदेन से जुड़े दस्तावेज़ों को खंगाल रही है। यह मामला बड़े पैमाने पर बैंकिंग धोखाधड़ी से जुड़ा होने के कारण चर्चा में है।
 
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