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मध्य प्रदेश

भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट में आई तेजी: अगस्त-सितंबर तक आ सकती है CMRS टीम, तीन स्टेशन पर काम अंतिम चरण में

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भोपाल। इंदौर में मेट्रो के कमर्शियल रन की सफल शुरुआत के बाद अब प्रदेश सरकार और मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन की नजरें भोपाल मेट्रो पर टिकी हैं। यहां के तीन प्रमुख स्टेशन - एम्स, डीआरएम ऑफिस और अलकापुरी पर तेजी से निर्माण कार्य पूरे किए जा रहे हैं। संभावना है कि अगस्त-सितंबर 2025 तक कमिश्नर मेट्रो रेल सेफ्टी (CMRS) की टीम भोपाल पहुंचकर अंतिम निरीक्षण करेगी।


फिलहाल किन कामों पर है फोकस?

भोपाल मेट्रो के जिन तीन स्टेशनों पर काम चल रहा है, वहां एंट्री-एग्जिट गेट, सिविल स्ट्रक्चर, सिस्टम वर्क, सिग्नलिंग, ट्रैफिक मैनेजमेंट, आंतरिक व बाह्य निर्माण कार्य जैसे अहम कार्य पूरे किए जा रहे हैं। मेट्रो कॉर्पोरेशन का लक्ष्य है कि ये सभी काम अगस्त 2025 तक पूरे हो जाएं।


RDSO की टीम करेगी पहला परीक्षण

भोपाल मेट्रो के संचालन से पहले रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन (RDSO) की टीम परीक्षण करेगी। मेट्रो कॉर्पोरेशन द्वारा सभी ज़रूरी डॉक्युमेंट्स जमा कर दिए गए हैं। RDSO की रिपोर्ट के बाद CMRS टीम दो बार निरीक्षण करेगी और अगर सब कुछ ठीक पाया गया तो "ओके" रिपोर्ट मिलने के बाद ही मेट्रो का कमर्शियल रन शुरू किया जाएगा।


पहले इंदौर को क्यों दी गई प्राथमिकता?

भोपाल मेट्रो का काम वर्ष 2018 में शुरू हुआ था। हालांकि, पिछले एक वर्ष से इंदौर मेट्रो को वरीयता दी गई। इसके पीछे मुख्य वजह थी कि भोपाल में कई स्टेशनों पर काम अधूरा था, जबकि इंदौर में तेजी से कार्य पूरा कर लिया गया।
31 मई 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंदौर मेट्रो के वर्चुअल उद्घाटन के साथ इसका कमर्शियल रन शुरू किया।


भोपाल मेट्रो का प्रायोरिटी कॉरिडोर

भोपाल मेट्रो के पहले फेज में एम्स से करोंद तक 16.05 किमी लंबा रूट तैयार किया जा रहा है। इसमें से एम्स से सुभाष नगर तक 6.22 किमी का हिस्सा प्रायोरिटी कॉरिडोर के रूप में विकसित किया गया है। इस रूट पर अब तक:

  • सुभाषनगर से आरकेएमपी तक काम पूरा,

  • एम्स, डीआरएम और अलकापुरी स्टेशन तक ट्रैक बिछ चुका है,

  • दोनों स्टील ब्रिज की लोड टेस्टिंग पूरी हो चुकी है।



ट्रायल रन और स्पीड टेस्टिंग

भोपाल मेट्रो में अब तक दो तरह की टेस्टिंग हो चुकी हैं:

  1. नॉन-स्टॉप रन: सुभाषनगर से रानी कमलापति स्टेशन तक बिना रुके 80Km/h की स्पीड में।

  2. स्टॉप रन: हर स्टेशन पर रुकते हुए, 20-30Km/h की स्पीड से।

अब तक मेट्रो की अधिकतम रफ्तार 90Km/h रिकॉर्ड की जा चुकी है। कमर्शियल ऑपरेशन भी लगभग इसी स्पीड पर होगा।


CMRS टीम का रोल क्यों अहम है?

CMRS टीम मेट्रो के हर सुरक्षा पैमाने की गहन जांच करती है — ट्रैक से लेकर नट-बोल्ट तक। अगर सब कुछ नियमों के मुताबिक मिला तो "OK Report" दी जाएगी और फिर मेट्रो के संचालन की तारीख तय कर दी जाएगी।


यात्रियों के लिए होंगे एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं

मेट्रो स्टेशन के भीतर यात्रियों को:

  • फूड प्लाज़ा,

  • शॉपिंग आउटलेट्स,

  • डिजिटल टिकटिंग
    जैसी सुविधाएं मिलेंगी। इसका प्लान मेट्रो कॉर्पोरेशन एक्सपर्ट एजेंसियों के साथ मिलकर बना रहा है। यही मॉडल इंदौर मेट्रो स्टेशनों पर भी लागू किया जाएगा।

    भोपाल मेट्रो अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है। अगर सब कुछ योजना के अनुसार चला, तो 2025 के अंत तक भोपालवासियों को मेट्रो में सफर करने का मौका मिल सकता है। अब सबकी नजरें CMRS की "ओके" रिपोर्ट पर टिकी हैं।

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