भोपाल, 28 मई 2025 — मध्य प्रदेश की चिकित्सा सेवाओं के इतिहास में बुधवार को एक ऐतिहासिक दिन दर्ज हुआ, जब अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) भोपाल ने पहली बार एक ब्रेन डेड मरीज का सफल कैडेवर ऑर्गन डोनेशन (Cadaver Organ Donation) किया।
शंकर लाल कुबरे (60), ओबेदुल्लागंज निवासी, जो हाल ही में सड़क हादसे में घायल हुए थे, को AIIMS में भर्ती कराया गया था। सोमवार देर रात डॉक्टरों ने उन्हें ब्रेन डेड घोषित किया। इसके बाद उनके परिवार — पत्नी, दो बेटे और बेटी — ने बड़ा फैसला लिया और अंगदान (Organ Donation) के लिए सहमति दी।
क्या हुआ अंगदान से?
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हार्ट और एक किडनी AIIMS भोपाल में जरूरतमंद मरीजों को प्रत्यारोपित की गई।
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दूसरी किडनी बंसल अस्पताल के मरीज को लगाई गई।
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AIIMS भोपाल में यह 11वां किडनी ट्रांसप्लांट और प्रदेश का दूसरा हार्ट ट्रांसप्लांट रहा।
32 प्रयासों में पहली सफलता
AIIMS भोपाल की टीम पिछले एक साल से कैडेवर डोनेशन के लिए लगातार प्रयासरत थी। 31 असफल प्रयासों के बाद, शंकर लाल कुबरे का परिवार 32वां प्रयास बना, जिसने सफलता पाई। डॉक्टरों ने बताया, “कई बार परिवार आक्रोशित हो जाते हैं, लेकिन कुबरे परिवार ने इंसानियत की मिसाल पेश की।”
पत्नी का भावुक बयान
“अगर मेरे पति जाते-जाते किसी की जिंदगी बचा रहे हैं, तो इससे बड़ा गर्व हमारे लिए क्या होगा,” शंकर लाल की पत्नी ने कहा।
बच्चों के लिए भी उम्मीद
AIIMS भोपाल में जल्द ही पीडियाट्रिक किडनी ट्रांसप्लांट (Pediatric Kidney Transplant) की शुरुआत होगी। प्रक्रिया की तैयारी चल रही है, और डोनर-रिसीवर मैच पूरा होते ही सर्जरी की जाएगी।
मध्य प्रदेश में अंगदान की धीमी रफ्तार
नेशनल ऑर्गन एंड टिशू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन (NOTTO) की 2023 रिपोर्ट के मुताबिक, देशभर में 1,099 कैडेवर डोनेशन हुए, जिनमें तेलंगाना (252) सबसे आगे रहा। मध्य प्रदेश में यह संख्या सिर्फ 8 रही। ऐसे में AIIMS भोपाल की यह उपलब्धि राज्य में अंगदान जागरूकता (Organ Donation Awareness) बढ़ाने में मील का पत्थर साबित हो सकती है।