नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के करोल बाग इलाके में शुक्रवार शाम एक दर्दनाक हादसा हुआ, जब विशाल मेगा मार्ट में लगी आग में दो लोगों की मौत हो गई। मृतकों में एक नाम है—धीरेंद्र कुमार (25 वर्ष), जो यूपीएससी की तैयारी कर रहे एक प्रतिभाशाली छात्र थे।
धीरेंद्र पिछले पांच वर्षों से दिल्ली में रहकर सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहे थे और करोल बाग के एक पीजी में रहते थे। गुरुवार को ही वह अपने घर सोनभद्र (उत्तर प्रदेश) से लौटे थे और अगले ही दिन यह हादसा हो गया।
लिफ्ट में फंसे रहे, भेजते रहे मैसेज
बताया जा रहा है कि आग लगने के बाद धीरेंद्र मेगा मार्ट की लिफ्ट में फंस गए थे। शाम 6:51 बजे उन्होंने अपने बड़े भाई को व्हाट्सऐप पर पहला मैसेज भेजा —
"भइया..."
इसके बाद अगले मैसेज में लिखा —
"मैं लिफ्ट में हूं... गैस गए हैं, करोल बाग मेगा मार्ट..."
घबराहट में टाइपिंग की गलतियों के बावजूद यह साफ हो गया कि वह दमघोंटू धुएं में फंसे हुए थे। आखिरी मैसेज में उन्होंने लिखा —
"सांस फूल रही है, कुछ करो..."
लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
परिजनों ने लापरवाही के लगाए आरोप
धीरेंद्र के परिजन दिल्ली पहुंच चुके हैं और उन्होंने प्रशासन पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए हैं। उनकी बड़ी बहन ने रोते हुए कहा,
"अगर समय रहते उसे लिफ्ट से बाहर निकाल लिया जाता, तो वो आज जिंदा होता।"
परिजनों का कहना है कि धीरेंद्र लगातार मदद की गुहार लगा रहा था, लेकिन किसी ने समय पर संज्ञान नहीं लिया।
दूसरा शव भी जली हुई हालत में मिला
शनिवार सुबह फायर ब्रिगेड को दूसरी मंजिल पर एक और शव मिला, जो बुरी तरह जल चुका था। दोनों मृतकों की पहचान कर ली गई है। फायर विभाग और पुलिस अब इस हादसे की जांच में जुटी हैं कि आखिर आग लगने की असली वजह क्या थी और रेस्क्यू में क्या चूक हुई।
दिल दहला देने वाला यह हादसा एक बार फिर सवाल खड़े करता है — क्या हमारी इमारतें और मार्केट्स आपात स्थितियों से निपटने के लिए तैयार हैं? और कितनी कीमत पर हम लापरवाही को नजरअंदाज करते रहेंगे?