नई दिल्ली, 8 जुलाई 2025
भारत सरकार ने जलमार्ग और समुद्री क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास और व्यापार विस्तार के लिए ₹5,000 करोड़ के निवेश के साथ एक महत्वाकांक्षी योजना की घोषणा की है। केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने सोमवार को कहा कि यह कदम 'ब्लू इकॉनॉमी' को सशक्त बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है, जिससे देश के बंदरगाह, लॉजिस्टिक्स और इनलैंड वॉटर ट्रांसपोर्ट सिस्टम को नया बल मिलेगा।
सरकार की प्रमुख घोषणाएं:
-
ग्रीन पोर्ट डेवेलपमेंट को बढ़ावा – बंदरगाहों पर पर्यावरण अनुकूल तकनीकों और ऊर्जा स्रोतों को लागू किया जाएगा।
-
राष्ट्रीय जलमार्गों का विस्तार – नदियों के जरिये माल ढुलाई को प्रोत्साहित किया जाएगा जिससे लॉजिस्टिक्स लागत घटेगी।
-
डिजिटल पोर्ट इकोसिस्टम – बंदरगाह प्रबंधन और ट्रैकिंग सिस्टम को डिजिटाइज किया जाएगा।
-
मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी – रेल, सड़क और जलमार्ग को जोड़ने वाले इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश।
-
‘सागरमाला’ परियोजना का सशक्तीकरण – बंदरगाह आधारित औद्योगिक विकास और समुद्री रोजगार सृजन को बढ़ावा।
मंत्री का बयान:
मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा:
“भारत की समुद्री क्षमता को अब पूरी तरह उपयोग में लाने का समय आ गया है। यह ₹5,000 करोड़ की योजना ‘ब्लू इकॉनॉमी’ के माध्यम से न केवल आर्थिक मजबूती लाएगी, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल विकास और रोजगार के नए अवसर भी खोलेगी।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि इनलैंड वाटर ट्रांसपोर्ट (IWT) को सड़क और रेल के बराबर प्राथमिकता दी जाएगी, ताकि माल ढुलाई को सस्ता, तेज़ और हरित बनाया जा सके।
योजना का संभावित प्रभाव:
-
लॉजिस्टिक्स लागत में 20-25% की संभावित कटौती
-
2 लाख से अधिक प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार
-
बंदरगाहों की क्षमता में 30% तक बढ़ोतरी
-
ईंधन खपत और कार्बन उत्सर्जन में कमी
-
देश के पूर्वोत्तर राज्यों को जलमार्ग से बेहतर कनेक्टिविटी
प्रमुख फोकस क्षेत्र:
क्षेत्र | कार्य |
---|---|
बंदरगाह | क्षमता विस्तार, ऑटोमेशन, ग्रीन एनर्जी |
जलमार्ग | गंगा, ब्रह्मपुत्र, गोदावरी आदि पर बुनियादी ढांचा |
तकनीक | डिजिटल पोर्ट, AI आधारित ट्रैकिंग |
उद्योग | बंदरगाह आधारित SEZ, कोल्ड स्टोरेज, वेयरहाउसिंग |
यह निवेश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'गति शक्ति राष्ट्रीय योजना' और ‘वोकल फॉर लोकल से ग्लोबल’ अभियान से जुड़ा हुआ है। भारत को एक वैश्विक समुद्री लॉजिस्टिक्स हब के रूप में उभारने के लिए यह रणनीति काफी अहम मानी जा रही है।