भोपाल। नर्मदा एक्सप्रेस से रहस्यमय तरीके से लापता हुई अर्चना तिवारी (29) आखिरकार सुरक्षित मिल गई हैं। अर्चना को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी से बरामद किया गया है। फिलहाल पुलिस टीम उसे भोपाल लेकर आ रही है, जहां पूछताछ की जाएगी।
12 दिन तक चला सर्च अभियान
भोपाल जीआरपी एसपी राहुल कुमार लोढ़ा ने बताया कि अर्चना की तलाश में लगातार 12 दिन तक मिडघाट के जंगल और आसपास के इलाकों में सर्च ऑपरेशन चलाया गया। मंगलवार को उनकी लोकेशन ट्रेस होने के बाद लखीमपुर खीरी (नेपाल बॉर्डर के पास) से पकड़ा गया।
आरक्षक और युवक से पूछताछ
गुमशुदगी मामले में जीआरपी ने ग्वालियर के भंवरपुरा थाने के आरक्षक राम तोमर से पूछताछ की थी। राम पिछले दो साल से अर्चना के संपर्क में था और उसी ने अपनी आईडी से इंदौर से कटनी तक का टिकट बुक किया था।
इसके अलावा शुजालपुर निवासी सारांश जैन को भी 18 अगस्त को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। सारांश एग्रीकल्चर ड्रोन कंपनी में काम करता है और इंदौर में रहता है।
मां को फोन कर दी सुरक्षित होने की जानकारी
पुलिस के अनुसार, मंगलवार सुबह अर्चना ने अपनी मां को फोन कर खुद के सुरक्षित होने की जानकारी दी थी। परिवार के करीबी युवा कांग्रेस नेता देवांशु मिश्रा ने भी इस बात की पुष्टि की। इसके आधार पर ही पुलिस ने उनकी लोकेशन ट्रेस की।
7 अगस्त को ट्रेन से हुई थीं लापता
कटनी निवासी अर्चना तिवारी इंदौर में रहकर सिविल जज की तैयारी कर रही थीं। 7 अगस्त को वह इंदौर से कटनी जाने के लिए नर्मदा एक्सप्रेस (एसी कोच बी-3) में सवार हुई थीं, लेकिन बीच रास्ते से गायब हो गईं। जब ट्रेन कटनी पहुंची तो उनकी सीट पर सिर्फ बैग रखा मिला।
गुमशुदगी के बाद इंदौर, भोपाल और कटनी जीआरपी के साथ ही जिला पुलिस बल और वन विभाग की टीमें लगातार उनकी खोज में जुटी थीं।