विदिशा, 26 मई 2025 — केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को अपने संसदीय क्षेत्र विदिशा के लाडकुई गांव से पदयात्रा की शुरुआत की। इस खास मौके पर उनके साथ पत्नी साधना सिंह, बेटा कार्तिकेय और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ी बहू अमानत भी पदयात्रा में शामिल हुईं, जो गांव-गांव जाकर शिवराज के विकास संदेश को लोगों तक पहुँचा रही हैं।
पदयात्रा का उद्देश्य: विकसित भारत का सपना
लाडकुई में पुलिस चौकी के सामने मंच से पहली सभा को संबोधित करते हुए शिवराज ने कहा:
“विकसित भारत का मतलब सिर्फ सड़क, बिजली और पानी नहीं, बल्कि ऐसा भारत जहाँ खेती उन्नत हो, मां-बहन-बेटियों का सम्मान हो, बच्चे अच्छी शिक्षा पाएं, हर परिवार रोजगार से जुड़ा हो, कोई भूखा न सोए और सबको इलाज की अच्छी सुविधा मिले।”
उन्होंने जोर देकर कहा कि यह सपना अकेले किसी मंत्री, मुख्यमंत्री या सांसद का नहीं, बल्कि पूरे देश और हर नागरिक का है।
परिवार का साथ और संदेश
पदयात्रा के दौरान जब परिवार की बात चली तो शिवराज ने मंच से मुस्कुराते हुए कहा,
“जब विकसित भारत के लिए पैदल चलना था, तो सामने बैठा परिवार भी आ गया। हमने कहा, चलो साथ चलो। अब यह बहू (अमानत) भी देखेगी कि यह कितना बड़ा परिवार है।”
इस पर साधना सिंह ने मंच से टोका,
“बहू नहीं, बेटी कहिए।”
शिवराज ने हंसते हुए तुरंत कहा,
“हां, बहू नहीं, बेटी।”
कृषि मंत्री के रूप में किसान फोकस
शिवराज ने अपने संबोधन में किसानों को केंद्र में रखते हुए कहा,
“कृषि मंत्री के रूप में किसान मेरे रोम-रोम में रमा है। खेती मेरी सांसों में बसी है। मैं चाहता हूं कि गांवों की बहनें ‘लखपति दीदी’ बनें। इसके लिए दिन-रात इस साधना (धर्मपत्नी नहीं, बल्कि सेवा का मतलब) में लगा हूं।”
उन्होंने बताया कि 29 मई से देशभर के 6,000 कृषि वैज्ञानिक गांवों में जाएंगे, और सीहोर जिले में भी 3 वैज्ञानिक टीमें पहुंचेंगी। ये टीमें 10–15 गांवों के बीच जाकर किसानों के साथ चर्चा करेंगी, समस्याएं समझेंगी और समाधान खोजेंगी।