मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव का मौलाना गांव से जुड़ा बयान एक बार फिर सुर्खियों में है। हाल ही में दिए गए एक इंटरव्यू में सीएम यादव ने दोहराया कि मौलाना गांव का नाम लिखने में उनका पेन अटकता था, इसलिए इसका नाम बदलकर विक्रम नगर रखा गया।
गांव में नहीं है एक भी मौलाना
इंडिया टीवी के कार्यक्रम के दौरान सीएम मोहन यादव ने कहा कि उज्जैन जिले के मौलाना गांव में मुस्लिम समाज का कोई भी व्यक्ति नहीं रहता। वहां सभी हिंदू परिवार हैं और ग्रामीणों की मांग पर गांव का नाम बदला गया।
सीएम यादव ने कहा, “जब मैं किसी आदेश पर हस्ताक्षर करता हूं और मौलाना नाम सामने आता है, तो मन में सवाल उठता है कि जब गांव में कोई मौलाना है ही नहीं तो यह नाम क्यों रखा गया है। ऐसे में स्वाभाविक रूप से पेन अटकता है।”
मोहम्मदपुर से मोहनपुर तक
कार्यक्रम के दौरान जब मोहम्मदपुर गांव का नाम बदलने के मुद्दे पर सवाल किया गया, तो सीएम यादव ने स्पष्ट किया कि इस गांव में भी कोई ‘मोहम्मद’ नहीं रहता। ग्रामीणों ने लिखित में मांग की थी कि यहां मोहन मुरली वाले का मंदिर है, इसलिए गांव का नाम मोहनपुर रखा जाए।
सीएम यादव ने कहा कि वह सिर्फ कानून का पालन कर रहे हैं और जनता की मांग पर ही नाम परिवर्तन हो रहा है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “मैं कानून का पालन कर रहा हूं, फिर भी मुझे अपराधी कहा जाता है। यह बात मेरी समझ से परे है।”