मध्यप्रदेश सरकार प्रदेश में पशुपालन के माध्यम से आय बढ़ाने और दुग्ध उत्पादन को दोगुना करने के उद्देश्य से 2 अक्टूबर से "दुग्ध समृद्धि सम्पर्क अभियान" शुरू करने जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशा अनुसार इस अभियान के तहत गाँव-गाँव जाकर पशुपालकों से प्रत्यक्ष सम्पर्क किया जाएगा और उन्हें पशुओं में नस्ल सुधार, पशु स्वास्थ्य और पोषण के बारे में जागरूक किया जाएगा।
पशुपालन एवं डेयरी विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री लखन पटेल ने किसानों से अपील की है कि इस अभियान का पूर्ण लाभ उठाएँ। उन्होंने कहा कि जब पशु चिकित्सा अधिकारी/मैत्री उनके घर आएंगे, तब अपनी सभी समस्याओं के बारे में अवगत कराएँ और समाधान प्राप्त करें।
प्रमुख सचिव पशुपालन एवं डेयरी श्री उमाकांत उमराव ने बताया कि यह अभियान तीन चरणों में आयोजित किया जाएगा। पहला चरण 2 अक्टूबर से शुरू होकर 9 अक्टूबर तक चलेगा। इस चरण में 10 या उससे अधिक गो-वंश वाले पशुपालकों से प्रत्यक्ष सम्पर्क किया जाएगा। सहायक पशु चिकित्सा अधिकारी/मैत्री पशुपालकों के घर जाकर उन्हें पशु पोषण, स्वास्थ्य और नस्ल सुधार के बारे में जानकारी देंगे। साथ ही पशुओं में टैग लगाने संबंधी जानकारी भी एकत्र की जाएगी। इस कार्य के लिए प्रत्येक पशुपालक से सम्पर्क करने पर मैत्री को 5 रुपये का मानदेय मिलेगा।
अभियान का दूसरा चरण उन पशुपालकों से संपर्क करेगा जिनके पास 5 या अधिक गो-वंश हैं, और तीसरा चरण उन पशुपालकों को कवर करेगा जिनके पास 5 या उससे कम गो-वंश हैं। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य है गोवंश का समुचित पालन-पोषण और दुग्ध उत्पादन बढ़ाना।
मध्यप्रदेश सरकार का यह कदम राज्य में डेयरी क्षेत्र के विकास और पशुपालकों की आय बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।