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मध्य प्रदेश

बारिश से पहले तैयार होगा केरवा डैम का नया फुटब्रिज, 5 करोड़ की लागत से एक सप्ताह में शुरू होगा काम

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भोपाल के करीब 50 साल पुराने केरवा डैम के क्षतिग्रस्त फुटब्रिज (स्लैब) का पुनर्निर्माण जल्द शुरू होने जा रहा है। सरकार ने तय किया है कि नया फुटब्रिज 5 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जाएगा और काम बारिश से पहले पूरा कर लिया जाएगा। जलसंसाधन मंत्री तुलसी सिलावट को हर महीने प्रोजेक्ट की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। विभाग एक सप्ताह के भीतर काम की शुरुआत करेगा।

11 नवंबर को गिरा था ब्रिज का हिस्सा

11 नवंबर को फुटब्रिज का बड़ा हिस्सा अचानक ढह गया था। शुक्र है कि हादसे के समय वहां कोई मौजूद नहीं था, अन्यथा बड़ी जनहानि हो सकती थी। यह डैम भोपाल के कोलार क्षेत्र को पानी सप्लाई करता है, ऐसे में इसकी सुरक्षा बेहद महत्वपूर्ण है।

अगले ही दिन पहुंचे थे जलसंसाधन मंत्री

हादसे के अगले दिन ही जलसंसाधन मंत्री तुलसी सिलावट मौके पर पहुंचे और अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।

  • डैम में कुल 8 ऑटोमैटिक टिलटिंग गेट लगे हैं।

  • निर्माण कार्य 1975 में शुरू हुआ था और 1980 में पूरा किया गया था।

  • यह भोपाल के भदभदा डैम के बाद बनाया गया था।

एक सप्ताह में अनुमानित लागत, पांच महीनों में पूरा काम

निरीक्षण के दौरान मंत्री सिलावट ने फुटब्रिज के क्षतिग्रस्त होने की विस्तृत जांच के आदेश दिए।

  • सुधार कार्य का प्राक्कलन 1 सप्ताह में तैयार होगा।

  • पूरा निर्माण कार्य 5 महीने में पूरा करने का लक्ष्य है।

  • नई संरचना पर करीब 5 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।

शर्मनाक हाल—सरिये जंग खाए, प्लास्टर उखड़ा

मौके की पड़ताल में सामने आया कि केवल टूटा हिस्सा ही नहीं, फुटब्रिज का बड़ा भाग खराब स्थिति में है।

  • 8 में से 3 गेट के ऊपर का स्लैब पहले ही ढह चुका है।

  • कई जगहों पर सरिये बाहर निकलकर सड़ चुके हैं।

  • प्लास्टर उखड़कर लटक रहा है।

स्पष्ट है कि यह लापरवाही लंबे समय से चली आ रही थी।

सभी गेट और स्लैब का होगा पुनर्निर्माण

मंत्री सिलावट ने निर्देश दिए हैं कि केरवा डैम के सभी स्लैब और गेटों का पुनर्निर्माण किया जाए। साथ ही प्रदेश के सभी पुराने बांधों की सुरक्षा जांच भी जल्द कराई जाएगी।

इस बार गेट नहीं खुले, इसलिए कम रही भीड़

इस बार डैम में पानी कम होने के कारण उसके गेट नहीं खोले गए। नतीजतन, पर्यटकों और स्थानीय लोगों की भीड़ कम देखने को मिली। ब्रिज का हिस्सा गिरने के बावजूद वहां लोगों की आवाजाही जारी रही, जबकि उन्हें रोकने की व्यवस्था मौजूद नहीं थी।

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