केदारनाथ (उत्तराखंड), 23 अक्टूबर 2025:
भैया दूज के पावन अवसर पर आज भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक श्री केदारनाथ धाम के कपाट पारंपरिक विधि-विधान, वैदिक मंत्रोच्चार और धार्मिक परंपराओं के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। कपाट बंदी के इस शुभ अवसर पर मंदिर परिसर में भक्ति और भावनाओं का अद्भुत संगम देखने को मिला।
कपाट बंद होने से पूर्व बाबा केदार की विशेष पूजा-अर्चना संपन्न की गई, जिसमें संत-महात्मा, स्थानीय तीर्थ पुरोहित, प्रशासनिक अधिकारी और हजारों श्रद्धालु उपस्थित रहे।
पूजा के दौरान मंदिर प्रांगण “हर हर महादेव” और “जय केदार बाबा” के जयघोष से गूंज उठा। इसके बाद बाबा केदार की चल विग्रह डोली को पारंपरिक रीतियों के साथ ओंकारेश्वर मंदिर (उखीमठ) के लिए रवाना किया गया, जहाँ शीतकाल में भगवान केदारनाथ की पूजा-अर्चना विधिवत रूप से की जाएगी।
भक्तों ने किया दिव्य क्षणों का अनुभव
कपाट बंदी से पूर्व कई श्रद्धालुओं और जनप्रतिनिधियों को बाबा केदार की पूजा-अर्चना में सम्मिलित होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। उन्होंने बताया कि इन दिव्य और भावनात्मक क्षणों में श्री केदारनाथ धाम में उपस्थित होकर अपार शांति, भक्ति और आत्मिक ऊर्जा का अनुभव हुआ।
सभी ने बाबा केदार से देश और प्रदेश की उन्नति, शांति और खुशहाली की प्रार्थना की।
“बाबा केदार से यही प्रार्थना है कि आप सभी का जीवन सुख, शांति और समृद्धि से परिपूर्ण रहे।”
— श्रद्धालु एवं जनप्रतिनिधियों का संदेश
चारधाम यात्रा में बना नया रिकॉर्ड
इस वर्ष की चारधाम यात्रा 2025 ऐतिहासिक रही।
आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व में और मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार के प्रयासों से यात्रा व्यवस्था, मार्ग सुरक्षा, आवास और स्वास्थ्य सुविधाओं में उल्लेखनीय सुधार हुआ।
इन्हीं प्रयासों का परिणाम रहा कि इस वर्ष श्री केदारनाथ धाम में रिकॉर्ड 18 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे — जो अब तक की सर्वाधिक संख्या है। प्रशासन के अनुसार, यह यात्रा उत्तराखंड की धार्मिक पर्यटन क्षमता और जनआस्था का प्रतीक है।
जनप्रतिनिधियों और गणमान्यजनों की उपस्थिति
कपाट बंदी के अवसर पर केदारनाथ विधानसभा की विधायक श्रीमती आशा नौटियाल, मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी, मंदिर समिति के पदाधिकारी, स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी और अन्य गणमान्यजन उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि सरकार का उद्देश्य न केवल चारधाम यात्रा को सुविधाजनक बनाना है, बल्कि इसके आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व को भी सहेजना है।
अगले वर्ष अक्षय तृतीया पर खुलेंगे कपाट
धार्मिक परंपरा के अनुसार, अगले वर्ष अक्षय तृतीया (अप्रैल 2026) के पावन पर्व पर श्री केदारनाथ धाम के कपाट पुनः श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे। तब तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना उखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर में विधिवत रूप से जारी रहेगी।