गुप्तकाशी (रुद्रप्रयाग):
उत्तराखंड के गुप्तकाशी में बुधवार को चतुर्थ सीमांत पर्वतीय बाल विज्ञान महोत्सव का भव्य शुभारम्भ हुआ। इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नवोदित बाल वैज्ञानिकों से संवाद करते हुए उन्हें नवाचार और अनुसंधान के लिए प्रेरित किया। महोत्सव में राज्यभर से आए छात्र-छात्राओं ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अपने अभिनव प्रयोगों और प्रोजेक्ट्स का प्रदर्शन किया।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि सीमांत क्षेत्रों के सर्वांगीण विकास के लिए राज्य सरकार द्वारा शीघ्र ही सीमांत क्षेत्र परिषद का गठन किया जाएगा, ताकि सीमांत इलाकों में शिक्षा, स्वास्थ्य, संचार, विज्ञान और तकनीकी विकास को गति मिल सके।
इस अवसर पर बाल वैज्ञानिकों ने मुख्यमंत्री के समक्ष अनेक महत्वपूर्ण सुझाव प्रस्तुत किए, जिनमें पर्यावरण संरक्षण, नवीकरणीय ऊर्जा, जल संरक्षण, और डिजिटल शिक्षा जैसे विषय प्रमुख रहे। मुख्यमंत्री ने बच्चों की जिज्ञासा और रचनात्मकता की सराहना करते हुए कहा कि “युवा वैज्ञानिक ही भविष्य के राष्ट्र निर्माता हैं, और इनकी सोच उत्तराखंड को विज्ञान एवं नवाचार के क्षेत्र में नई ऊँचाइयों तक ले जाएगी।”
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में उत्तराखंड सरकार ने विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार नीति लागू की है, जिसके अंतर्गत राज्य के प्रत्येक जनपद में इनोवेशन सेंटर स्थापित किए जा रहे हैं। इन केंद्रों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), मशीन लर्निंग (ML) और क्लाउड कंप्यूटिंग जैसी आधुनिक तकनीकों को बढ़ावा दिया जा रहा है, ताकि युवा पीढ़ी वैश्विक तकनीकी प्रतिस्पर्धा में अग्रणी भूमिका निभा सके।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि देहरादून में देश की पाँचवीं साइंस सिटी का निर्माण कार्य तेजी से प्रगति पर है, जो प्रदेश के वैज्ञानिक एवं शैक्षणिक परिदृश्य को नई दिशा प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि यह साइंस सिटी उत्तराखंड के युवाओं के लिए नवाचार, प्रयोग और स्टार्टअप्स का केंद्र बनेगी।
इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों और संस्थाओं को सम्मानित भी किया गया।
महोत्सव के दौरान माननीय विधायक श्रीमती आशा नौटियाल, उत्तराखंड राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष श्रीमती ऐश्वर्या रावत, तथा जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती पूनम कठैत सहित कई जनप्रतिनिधि, अधिकारी, शिक्षक और छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे।
महोत्सव के अंत में मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि “सरकार का लक्ष्य है कि विज्ञान एवं तकनीकी नवाचार राज्य के अंतिम छोर तक पहुँचे और सीमांत क्षेत्रों के बच्चे भी देश की वैज्ञानिक प्रगति में बराबर की भागीदारी निभा सकें।”