सोने की कीमतों में एक बार फिर मजबूती लौटी है। सोमवार, 10 नवंबर को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार दोनों में गोल्ड का भाव करीब 2% तक बढ़ गया। हालिया गिरावट के बावजूद बाजार में फिर से सकारात्मक रुझान दिख रहा है और एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह लॉन्ग टर्म निवेशकों के लिए आकर्षक एंट्री पॉइंट साबित हो सकता है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने का उछाल
अंतरराष्ट्रीय बाजार में गोल्ड की कीमत दोपहर 10 बजे तक 2.08% बढ़कर 4,084 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गई। हालांकि यह अभी भी अपने रिकॉर्ड हाई 4,381.5 डॉलर प्रति औंस (20 अक्टूबर) से करीब 6.78% नीचे है। मई 2006 के बाद पहली बार सोना इतनी ऊंचाई पर गया था, जिसके बाद मुनाफावसूली से भाव फिसले थे।
Jefferies के ग्लोबल हेड ऑफ इक्विटी स्ट्रैटेजी क्रिस्टोफर वुड का कहना है कि अगर सोना और नीचे आता है तो यह निवेशकों के लिए बेहतर एंट्री का अवसर होगा। उनका मानना है कि 200-डे मूविंग एवरेज (DMA) 3,371 डॉलर/औंस पर मजबूत सपोर्ट दिखा रहा है।
एक साल में 53% की बढ़त
पिछले 12 महीनों में सोना सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाले एसेट क्लास में रहा है। इसकी कीमतों में 53.3% की बढ़ोतरी दर्ज हुई है।
-
अमेरिका के कड़े टैरिफ,
-
भू-राजनीतिक तनाव,
-
और सुरक्षित निवेश की बढ़ती मांग
ने इस तेजी को मजबूती दी है।
इसके अलावा, केंद्रीय बैंकों की भारी गोल्ड खरीदारी ने भी सोने के भाव को सपोर्ट दिया।
World Gold Council (WGC) के मुताबिक, इस साल अब तक 200 टन सोना खरीदा गया है।
2025 में सबसे अधिक खरीद करने वाले देश हैं — पोलैंड (67 टन), कजाखस्तान (40 टन) और अज़रबैजान (38 टन)।
गोल्ड आउटलुक: एक्सपर्ट अब भी बुलिश
एनालिस्ट्स का मानना है कि सोना फिलहाल ‘मल्टी-मंथ कंसोलिडेशन फेज’ में है।
Julius Baer Bank के ग्रुप CIO Yves Bonzon के अनुसार, गोल्ड में शॉर्ट टर्म गिरावट संभव है, लेकिन लॉन्ग टर्म में रुझान पॉजिटिव रहेगा।
उनका कहना है कि विकसित अर्थव्यवस्थाओं में फिस्कल प्रेशर और कमजोर G7 मुद्राएं सोने को सपोर्ट देती रहेंगी।
कमजोर अमेरिकी डेटा से सोने को मिला सपोर्ट
University of Michigan के कंज्यूमर सेंटिमेंट इंडेक्स के नवंबर में गिरकर 50.3 पर आने से अमेरिकी अर्थव्यवस्था की चिंता बढ़ी है। यह 2022 के बाद का सबसे निचला स्तर है।
लोगों की आय, रोजगार और खर्च को लेकर अनिश्चितता बढ़ने से सोने की मांग में तेजी आई है, क्योंकि निवेशक सुरक्षित एसेट्स की ओर लौट रहे हैं।
टेक्निकल व्यू: कहां है सपोर्ट और रेजिस्टेंस?
WGC के अनुसार —
-
पहला सपोर्ट लेवल: 3,800 डॉलर/औंस (55-डे एवरेज के पास)
-
लॉन्ग टर्म सपोर्ट: 3,500 डॉलर/औंस (अप्रैल पीक लेवल)
-
रेजिस्टेंस लेवल: 4,420 → 4,520 → 4,675 डॉलर/औंस
अगर सोना 4,675 डॉलर/औंस तक जाता है, तो मौजूदा स्तर से करीब 14.5% की संभावित तेजी मिल सकती है।
भारत में गोल्ड की कीमतें
MCX (Multi Commodity Exchange) पर दोपहर 2:30 बजे तक गोल्ड 1.80% बढ़कर ₹1,23,250 प्रति 10 ग्राम पर था।
WGC के अनुमान के अनुसार,
-
अगर सोना अपने मजबूत सपोर्ट पर आता है, तो भाव ₹1.05 लाख प्रति 10 ग्राम तक जा सकते हैं।
-
जबकि अगर यह रेजिस्टेंस लेवल तक पहुंचता है, तो ₹1.41 लाख प्रति 10 ग्राम तक बढ़ सकता है।
Disclaimer:
यह जानकारी केवल शैक्षिक और सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए दी गई है। निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। किसी भी निवेश निर्णय से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य करें।