पटना (Bihar Election 2025): बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में आज 121 सीटों पर मतदान जारी है। इस चरण की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि नीतीश कुमार मंत्रिमंडल के करीब 16 मंत्री मैदान में हैं। इनमें से सात मंत्री उत्तर बिहार के विभिन्न जिलों से चुनाव लड़ रहे हैं।
पहले चरण के मतदान में न केवल सत्तारूढ़ दलों की ताकत की परीक्षा हो रही है, बल्कि कई वरिष्ठ मंत्रियों की राजनीतिक साख और भविष्य भी दांव पर लगा है।
🔹 मंत्रियों की प्रतिष्ठा पर लगी मुहर
उत्तर बिहार के जिलों में कई अहम मंत्री चुनाव मैदान में हैं —
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कुढ़नी (मुजफ्फरपुर) से पंचायती राज मंत्री केदार प्रसाद गुप्ता
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साहेबगंज से पर्यटन मंत्री राजू सिंह
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जाले (दरभंगा) से नगर विकास मंत्री जीवेश कुमार
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दरभंगा नगर से भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी
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सरायरंजन (समस्तीपुर) से जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी
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कल्याणपुर (समस्तीपुर) से सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री महेश्वर हजारी
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बहादुरपुर (दरभंगा) से समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी
मुजफ्फरपुर के दोनों मंत्री भाजपा से हैं, जबकि समस्तीपुर जिले के मंत्री जदयू कोटे से मैदान में हैं।
🔹 बड़े नेताओं की परीक्षा
पहले चरण में दोनों उपमुख्यमंत्रियों की किस्मत का फैसला भी ईवीएम में बंद हो जाएगा।
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सम्राट चौधरी (तारापुर से) का मुकाबला RJD के अरुण कुमार और जन सुराज के संतोष कुमार सिंह से है।
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विजय कुमार सिन्हा (लखीसराय से) को कांग्रेस प्रत्याशी अमरेश कुमार अनीश चुनौती दे रहे हैं।
वहीं, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय (सीवान), मद्य निषेध मंत्री रत्नेश सदा (सोनबरसा), पर्यावरण मंत्री डॉ. सुनील कुमार (बिहारशरीफ), ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार (नालंदा), शिक्षा मंत्री सुनील कुमार (भोरे), आईटी मंत्री कृष्ण कुमार मंटू (अमनौर) और पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन (बांकीपुर) भी अपनी सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं।
🔹 पूर्व मंत्रियों और पुराने प्रतिद्वंद्वियों में सीधी टक्कर
मुजफ्फरपुर के कांटी सीट पर जदयू के पूर्व मंत्री अजित कुमार और राजद के इसराइल मंसूरी के बीच कड़ा मुकाबला है।
दरभंगा शहरी सीट पर मंत्री संजय सरावगी लगातार छठी बार जीत दर्ज करने की कोशिश कर रहे हैं। उनके सामने महागठबंधन के वीआईपी प्रत्याशी उमेश सहनी और जन सुराज पार्टी के सेवानिवृत्त आईपीएस आर.के. मिश्रा हैं।
बहादुरपुर में मंत्री मदन सहनी का सामना राजद के भोला यादव से है, जो 2015 में इसी सीट से विधायक रह चुके हैं।
🔹 जनता के फैसले पर टिकी निगाहें
पहले चरण के मतदान के साथ बिहार की राजनीति के कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर लग चुकी है। मतदान खत्म होते ही इन नेताओं की किस्मत ईवीएम में कैद हो जाएगी। अब देखना यह है कि जनता एक बार फिर नीतीश कुमार की टीम पर भरोसा जताती है या राजनीतिक समीकरणों में बड़ा उलटफेर देखने को मिलेगा।