भोपाल: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के ओल्ड टिंबर मार्केट (पुराना लकड़ी बाजार) में रविवार शाम भीषण आग लग गई। आग इतनी भयावह थी कि लपटें दूर-दूर तक नजर आ रही थीं। मौके पर मची अफरातफरी के बीच दमकल की 40 से अधिक गाड़ियों ने करीब चार घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। हादसे में करोड़ों रुपये का सामान जलकर खाक हो गया, हालांकि राहत की बात यह रही कि कोई जनहानि नहीं हुई।
चार घंटे तक धधकती रही आग
रविवार शाम करीब 7:30 बजे पात्रा पुल के पास स्थित लकड़ी बाजार के एक गोदाम से आग की शुरुआत हुई, जो देखते ही देखते पूरे इलाके में फैल गई। आसपास की टिंबर मिलें, आरा मशीनें और लकड़ी के गोडाउन इसकी चपेट में आ गए।
घटनास्थल से कुछ ही दूरी पर दिल्ली-चेन्नई रेलवे ट्रैक है, जिससे हादसे की संवेदनशीलता और बढ़ गई थी। हालांकि रेलवे अधिकारियों की तत्परता के कारण रेल यातायात पर कोई असर नहीं पड़ा।
40 दमकल गाड़ियां और 4 एजेंसियां जुटीं आग बुझाने में
जैसे ही सूचना मिली, भोपाल नगर निगम, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया, भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) और फायर सर्विस विभाग की 40 से अधिक दमकलें मौके पर पहुंचीं।
लगातार चार घंटे की कोशिशों के बाद आखिरकार आग पर पूरी तरह काबू पाया गया।
फायर टीम के मुताबिक, बाजार में रखी सैकड़ों टन लकड़ी और तैयार फर्नीचर जलकर राख हो गए।
लकड़ी व्यापारियों को करोड़ों का नुकसान
आग की तीव्रता इतनी ज्यादा थी कि कई दुकानों और गोडाउन का सामान पूरी तरह नष्ट हो गया।
प्राथमिक अनुमान के मुताबिक, करीब ₹2 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है।
लकड़ी व्यापारियों ने बताया कि उन्होंने अपने त्योहारी सीजन के स्टॉक तैयार रखे थे, जो आग की चपेट में आ गए।
कलेक्टर बोले — कोई जनहानि नहीं, जांच जारी
भोपाल के कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि हादसे में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है, लेकिन कुछ व्यापारियों को भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा है।
उन्होंने कहा कि आग लगने के कारणों की जांच की जा रही है, और प्रभावित व्यापारियों को हरसंभव सहायता दी जाएगी।
आग के संभावित कारण
हालांकि आग लगने की वजह फिलहाल स्पष्ट नहीं है, लेकिन माना जा रहा है कि यह शॉर्ट सर्किट या किसी चिंगारी से उठी लपटों के कारण लगी हो सकती है।
स्थानीय प्रशासन और दमकल विभाग ने घटना की तकनीकी जांच शुरू कर दी है।
घटना स्थल: ओल्ड टिंबर मार्केट, भोपाल
यह क्षेत्र भोपाल का एक मुख्य व्यावसायिक केंद्र है, जहां लकड़ी से जुड़े उत्पाद, फर्नीचर और आरा मशीनें संचालित होती हैं। आग लगने के बाद आसपास के इलाके में घना धुआं और गर्मी फैल गई, जिससे पास की दुकानों को भी नुकसान पहुंचा।