भोपाल। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा है कि मुख्यमंत्री अन्न सेवा जागरूकता कार्यक्रम "आपका राशन-आपका अधिकार" का प्रभावी क्रियान्वयन हर स्तर पर सुनिश्चित किया जाए। इस कार्यक्रम का उद्देश्य पात्र हितग्राहियों को उनके मासिक हकदारी वाले खाद्यान्न की जानकारी देना, राशन वितरण व्यवस्था में पारदर्शिता लाना और उपभोक्ताओं में जागरूकता बढ़ाना है।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत 5.28 करोड़ हितग्राहियों को इसका सीधा लाभ मिलेगा। योजना के तहत अन्त्योदय परिवारों को प्रति माह 35 किलो खाद्यान्न निःशुल्क, प्राथमिकता श्रेणी के परिवारों को प्रति सदस्य 5 किलो खाद्यान्न निःशुल्क, साथ ही 1 किलो नमक 1 रुपये प्रति किलो और अन्त्योदय परिवारों को 1 किलो शक्कर 20 रुपये प्रति किलो की दर से दी जा रही है।
पारदर्शिता के लिए डिजिटल व्यवस्था
प्रदेश के 130 लाख परिवारों के एक सदस्य का मोबाइल नंबर डाटाबेस में दर्ज है। अब हर महीने जब भी विकासखण्ड स्तरीय 308 प्रदाय केंद्रों से खाद्यान्न उचित मूल्य दुकानों पर पहुंचेगा, तो उपभोक्ताओं को उनके पंजीकृत मोबाइल नंबर पर सिस्टम जनरेटेड मैसेज भेजा जाएगा। इसके बाद बायोमैट्रिक सत्यापन के जरिए ही राशन वितरण किया जाएगा और उपभोक्ता को वितरित की गई मात्रा का मैसेज तुरंत मिलेगा।
जनभागीदारी से निगरानी
वर्ष में दो बार – 26 जनवरी और 2 अक्टूबर को ग्राम सभाओं में वितरण का पूरा ब्यौरा पढ़ा जाएगा। इससे मृत या स्थायी रूप से प्रवासियों के नाम सूची से हटेंगे और प्रतीक्षारत पात्र परिवारों को जोड़ा जा सकेगा। उपभोक्ता जागरूकता शिविर भी चरणबद्ध तरीके से आयोजित किए जाएंगे।
लाभ और निगरानी व्यवस्था
इस प्रणाली से उपभोक्ता खुद निगरानी रख सकेंगे कि खाद्यान्न समय पर और पूरी मात्रा में पहुंचा या नहीं। परिवहन में गड़बड़ी, कम मात्रा देने जैसी अनियमितताओं पर रोक लगेगी। साथ ही वितरण व्यवस्था अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनेगी।
कार्यक्रम की मॉनीटरिंग ग्राम पंचायत और नगरीय निकाय स्तर से शुरू होकर जिला कलेक्टर और राज्य स्तर पर संचालनालय खाद्य के कंट्रोल रूम तक की जाएगी।